सकाळी उठावे | सुसाट सुटावे |
ऑफिस गाठावे | कैसेतरी ||
इच्छा गं छाटाव्या | पोळ्या अन् लाटाव्या |
वेळाही गाठाव्या | सगळ्यांच्या ||
चढावे बशीत | गर्दीत घुशीत |
रोज या मुशीत | कुटताना ||
धक्के ते मुद्दाम | नजरा उद्दाम |
गाठण्या मुक्काम | सोस बये! ||
उशीर अटल | चुकता लोकल |
जीवही विकल | संभ्रमित ||
लागते टोचणी | भिजते पापणी |
जावे का याक्षणी | तान्ह्याकडे? ||
मस्टर धोक्यात | छकुला डोक्यात |
आयुष्य ठेक्यात | बसेचिना ||
रोजची टुकार | कामे ती भिकार |
बंड तू पुकार | बुद्धी म्हणे ||
एक तो 'वीकांत' | एरव्ही आकांत |
समय निवांत | मिळेचिना ||
तेव्हाही आराम | असतो हराम |
कामे ती तमाम | उरकावी ||
लावून झापड | शिवावे कापड |
तळावे पापड | निगुतीने ||
कामसू सचिव | सखीही रेखीव |
गृहिणी आजीव | प्रियशिष्या ||
काया रे शिणते | मनही कण्हते |
कुणी का गणते | श्रम माझे? ||
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